Not known Facts About सोयाबीन के तेल के फायदे



गर्भावस्था गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह

आंतों में पाए जाने वाले बिफीडो बैक्टीरिया के लिए लाभदायक

कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने में सहायक, एंटीऑक्सीडेंट गुण

सोयाबीन से बड़ी और सोया दूध से टोफू बनाया जाता है, जिसकी सब्जी बनाई जा सकती है।

सोयाबीन का अधिक मात्रा में सेवन करने से पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो सकता है

फिर उसमें पानी डालकर थोड़ी देर पानी को सूखने दें। ध्यान रहे कि करी पूरी तरह नहीं सूखनी चाहिए।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण सोयाबीन का तेल विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में एक प्रभावी हथियार है। मुक्त कण एक अणु होता हैं जो सेलुलर मेटाबॉलिज़्म के प्राकृतिक प्रतिफल को उत्पन्न करता है। जब इन्हे अनियंत्रित छोड़ दिया जाता है, तो यह शरीर को नुकसान पहुँचाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट ऐसा मिश्रण होता है जो शरीर में उत्पन्न होने वाले फ्री रेडिकल को बांधते हैं ताकि उनके हानिकारक प्रभावों को बेअसर किया जा सके। सोयाबीन के तेल में फाइबर की मात्रा उच्च होती है जो उन्हें पेट के कैंसर के खिलाफ लड़ने में प्रभावी बनाती है।

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सोयाबीन के बीजों की सब्जी बनाई जा सकती है।

सोयाबीन तेल या सोया से बने उत्पादों का उपयोग बालों के तंतुओं में एमिनो एसिड और केराटिन जैसे अणुओं को बढ़ा सकता है जिससे इनकी जड़ों से मजबूत किया जा सकता है।

सोयाबीन के तेल का अत्यधिक सेवन करने से हमारे शरीर के अंगों में सूजन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड एसिड की मात्रा पायी जाती है जिसकी अधिक मात्रा से हमारे शरीर के मुख्य अंग जैसे किडनी और लिवर में सूजन की समस्या हो सकती है।

हम में से कई लोग दुबलेपन का शिकार होते हैं ऐसे में सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर के वजन को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। इसमें फैटी एसिड पाए जाते Source हैं जो हमारे शरीर के वजन को बढ़ाने में बेहद सहायक होते हैं। रोजाना उचित मात्रा इस तेल का सेवन करने से हम फिट रह सकते हैं।

ऐसा कुकिंग ऑयल का होना जरूरी है जो हाई टेंपरेचर पर स्थिर रहता है और विषाक्त यौगिकों में नहीं टूटता है जो भोजन और हमारे शरीर में भी प्रवेश कर सकता है. आपको तेल के फैटी एसिड प्रोफाइल को भी ध्यान में रखना चाहिए.

उपयोगी भाग: सोयाबीन की बाहरी परत खाने योग्‍य नहीं होती है इसलिए इसके अंदर का बीज खाया जाता है।

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